यही है ज़िंदगी का सच (Yahi hai zindagi ka such). . .
ये है ज़िन्दगी का सच . . .
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जो चाहा कभी पाया नहीं . . .
जो पाया कभी सोचा नहीं . . .
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जो सोचा कभी मिला नहीं. . .
जो मिला रास आया नहीं . . .
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जो खोया वोह याद आता है . . .
पर जो पाया संभाला जाता नहीं. . .
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क्यों अजीब से पहेली है ज़िन्दगी . . .
जिसको कोई शुलजा पाता नहीं . . .
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जीवन में कभी संजोता करना पड़े तो कोई बड़ी बात नहीं . .
क्यूंकि झुकता वही है जिसमे जान होती है. . .
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अकड़ तोः मुर्दे की पहचान होती है . . .
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ज़िन्दगी जीने के दो तरीक़े होते है . . .
१ जो पसंद उसे हासिल करना सिखलो. .
२ जो हासिल है उसे पसंद करना सिखलो . .
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ज़िन्दगी जिन आसान नहीं होता . . .
बिना संगर्ष कोई महान नहीं होता . .
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जब तक न पांडेय हतोड़े की चोट . .
पत्थर भी भगवान नहीं होता . . .
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ज़िन्दगी बहुत कुछ सिखाती है . .
कभी हस्ती है तो कभी रुलाती है . . .
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पर जो हर हाल में खुश रहते है . .
ज़िन्दगी उनके आगे सर झुकाती है . . .
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चेहरे से हर गम चुराओ ..
बहुत कुछ बोलो पर कुछ न छुपाओ . . .
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खुद न रूठो कभी पर सब को मनाओ . . . .
राज़ है यही ज़िन्दगी का बस जीते जाओ . . .
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यही है ज़िंदगी का सच . . .
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जो चाहा कभी पाया नहीं . . .
जो पाया कभी सोचा नहीं . . .
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जो सोचा कभी मिला नहीं. . .
जो मिला रास आया नहीं . . .
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जो खोया वोह याद आता है . . .
पर जो पाया संभाला जाता नहीं. . .
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क्यों अजीब से पहेली है ज़िन्दगी . . .
जिसको कोई शुलजा पाता नहीं . . .
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जीवन में कभी संजोता करना पड़े तो कोई बड़ी बात नहीं . .
क्यूंकि झुकता वही है जिसमे जान होती है. . .
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अकड़ तोः मुर्दे की पहचान होती है . . .
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ज़िन्दगी जीने के दो तरीक़े होते है . . .
१ जो पसंद उसे हासिल करना सिखलो. .
२ जो हासिल है उसे पसंद करना सिखलो . .
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ज़िन्दगी जिन आसान नहीं होता . . .
बिना संगर्ष कोई महान नहीं होता . .
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जब तक न पांडेय हतोड़े की चोट . .
पत्थर भी भगवान नहीं होता . . .
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ज़िन्दगी बहुत कुछ सिखाती है . .
कभी हस्ती है तो कभी रुलाती है . . .
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पर जो हर हाल में खुश रहते है . .
ज़िन्दगी उनके आगे सर झुकाती है . . .
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चेहरे से हर गम चुराओ ..
बहुत कुछ बोलो पर कुछ न छुपाओ . . .
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खुद न रूठो कभी पर सब को मनाओ . . . .
राज़ है यही ज़िन्दगी का बस जीते जाओ . . .
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यही है ज़िंदगी का सच . . .
यही है ज़िंदगी का सच (Yahi hai zindagi ka such). . .
Reviewed by Sourabh Soni
on
Friday, October 10, 2014
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